कभी न बुझे ये कभी न बुझेंगे
तेरे प्यार की इब्तदा जब से की है
तू ही है खुदा बंदगी मेरी तू है
इरादों से अपने गुज़रते रहेंगे
तेरा प्यार दिल से कभी कम न होगा
ये बढ़ता रहेगा कभी न मिटेगा
निभाएंगे हम भी इसे जिंदगी भर
ये देखेगी दुनिया हमें यूं उम्र भर
मुहब्ब्त की राहों से गुज़रते रहेंगे
ये दूरी कभी भी न तुझसे गंवारा
तू ही मेरी मंजिल तू ही है किनारा
ये किश्ती मेरी अब तो तेरे हवाले
देखूँ मै भी तो जीवन के उजाले
दिए उम्मीदों के जलते रहेंगे
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें