यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016

दीप जलते रहेंगे


तेरी यादो  के दीप  जलते रहेंगे
कभी न बुझे ये कभी न बुझेंगे 
तेरे प्यार की इब्तदा जब से की है 
तू ही है खुदा बंदगी मेरी तू है 
इरादों से अपने गुज़रते रहेंगे 

                   तेरा प्यार दिल से कभी कम न होगा 
                   ये बढ़ता रहेगा कभी न मिटेगा 
                   निभाएंगे हम भी इसे जिंदगी भर 
                   ये देखेगी दुनिया हमें यूं उम्र भर 
                   मुहब्ब्त  की राहों से गुज़रते रहेंगे 

ये  दूरी कभी भी न  तुझसे गंवारा 
तू ही मेरी मंजिल तू ही है किनारा 
ये किश्ती मेरी अब तो तेरे हवाले 
देखूँ मै भी तो जीवन के उजाले 
दिए उम्मीदों के जलते रहेंगे 
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें