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गुरुवार, 7 अप्रैल 2016

माता की भेंट - ( तर्ज - दिल तोडना किसी का )


बिगड़ी बनाने वाली जगदम्बिका तू ही है
जिसका न कोई जग में उसकी सदा तू ही है

तेरा नाम है वो साधन जो भव से पार करदे
तेरी जोत  की किरण इक रोशन जहाँ को करदे
मेरी लाज रखने वाली मेरी आत्मा भी तू है

तेरा द्वार छोड़कर मै जाऊं कहाँ बता दे
मै राह को हूँ भूला मुझे रास्ता दिखा दे
मै आस का हूँ पंछी मेरा आसरा तू ही है

मै बाल हूँ तुम्हारा माता हो तुम भवानी
तेरे शिव मै किससे अपनी कहूँ कहानी
मेरे दुःख मिटाने वाली ऐ मैया तू ही तू है
@मीना गुलियानी

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