मेरे नसीब ने जब मेरा इम्तेहान लिया
तेरी यादों ने आके मेरा हाथ थाम लिया
फ़िज़ा भी आँसुओ में डूब गई जब
सुकूँ मिला जो तुम्हारा नाम लिया
मै तो इक हर्फ भी न कह पाया तुमसे
मेरी बेबसी ने फिर से तेरा सलाम लिया
मेरी हर ख़ुशी ने तेरे गम की आबरू रखी
पर तेरे गम ने मेरी ख़ुशी से इंतकाम लिया
@मीना गुलियानी
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