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शुक्रवार, 1 अप्रैल 2016

इंतकाम लिया



मेरे नसीब ने जब मेरा इम्तेहान लिया
तेरी यादों ने आके मेरा हाथ थाम लिया

                       फ़िज़ा भी आँसुओ  में डूब गई जब
                       सुकूँ मिला जो  तुम्हारा नाम लिया

मै तो इक हर्फ भी न कह पाया तुमसे
मेरी बेबसी ने फिर से तेरा सलाम लिया

                       मेरी हर ख़ुशी ने तेरे गम की आबरू रखी
                      पर तेरे गम ने मेरी ख़ुशी से इंतकाम लिया
@मीना गुलियानी 

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