ये मुस्कुराता हुआ तेरा चाँद सा मुखड़ा
इसके नूर से धुल जाए दिल का दुखड़ा
कभी घटा बन जाती तेरी आँख का काजल
कहकशां कभी ये चाहे बने वो तेरा आँचल
सदा आबाद रहें तेरी झपकती हुई पलकें
इसके साये में दिल के कितने मैखाने छलके
चाँद बन जाए तेरे मुखड़े के माथे का टीका
रूखे बहार भी इसके आगे पड़ जाए फीका
@मीना गुलियानी
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