मुहब्ब्त की धड़कन सुनाई न जाए
ये वो शह है जो कि दिखाई न जाए
जहाँ सो गया आज इसकी ख़ुशी में
सम्भला न वो मय पिया जो किसी ने
ये वो शह है जो कि अाजमाई न जाए
जुबां पे कोई बात लाई न जाए
न टला है किसी का कोई भी वादा
पूरा करें हर आशिक अपना इरादा
ये खंजर से काबू में लाई न जाए
मिटा दे जो हस्ती वही उसको पाये
@मीना गुलियानी
NICE POETRY
जवाब देंहटाएंVery nice and cool
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