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मंगलवार, 5 अप्रैल 2016

धड़कन सुनाई न जाए


मुहब्ब्त की धड़कन सुनाई न  जाए
ये वो शह है जो कि दिखाई न जाए

जहाँ सो गया आज इसकी  ख़ुशी में
सम्भला न वो मय पिया जो  किसी ने
ये वो शह है जो कि अाजमाई न जाए
जुबां पे कोई बात लाई न जाए

न  टला है किसी का   कोई भी वादा
पूरा करें हर आशिक अपना  इरादा
ये खंजर से काबू में लाई  न जाए
मिटा दे जो  हस्ती वही उसको पाये 
@मीना गुलियानी 

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