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बुधवार, 20 अप्रैल 2016

तू छुपा हुआ कहाँ है

तू बता दे गुम कहाँ है ढूँढा सारा जहाँ है
ऐसे में बोल भी दे तू छुपा हुआ कहाँ है

                     आजा कि जिदगी भी अब तो है जाने वाली
                      रूत ऐसी बदली मेरी जैसी ये रात काली
                      जब तू नहीं यहाँ तो जीना मेरा कहाँ है
                      गुमसुम सा ये जहाँ है वीरान सा समा है

दिल को सुकूँ मिलेगा जब तू यहाँ पे  होगा
चंदा से ले गवाही तारों भरा भी होगा
आवाज़ तो दे दे मुझको मुश्किल में मेरी जां है
बेबस ये आसमाँ है मंजिल मेरी कहाँ है

                       आ जल्दी आके मिल जा साहिल तुझे पुकारे
                       किश्ती को थाम ले तो पा जाएंगे किनारे
                       दुनिया मेरी बचाले बेदर्द ये जहाँ है
                       ऐसे में तू कहाँ है  संगदिल हुआ समां है
@मीना गुलियानी

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