जय जगदम्बे मात भवानी दया रूप साकार
सुनो मेरी विनती आया हूँ तेरे द्वार
आज फंसी मंझधार बीच मेरी नैया
तुम बिन मेरा कोई नहीं है खिवैया
नैया मेरी जगदम्बे माँ ,करदे भव से पार--------------
महिषासुर के मान मिटा देने वाली
रावण जैसे दुष्ट खपा देने वाली
पाप मिटा देती चामुण्डा , ले कर में तलवार -------------
तेरे नाम की महिमा अजब निराली है
अपने भक्तों की करती रखवाली है
अपने भक्तो की खातिर, तूने रूप लिए भू धार -------------
जगमग करती जोत तुम्हारी है माता
विद्या और बुद्धि बल की तू दाता
गाता हूँ मै गीत तुम्हारे ,मैया करो उद्धार -----------------
@ मीना गुलियानी ----
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