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सोमवार, 25 अप्रैल 2016

मिलने की कसम खाई है



दिल ने तेरी याद में मिलने की कसम खाई है
फिर तेरी भूली हुई कोई बात इसे याद आई है

                     हम तो नादां थे न समझे थे कभी दिल की लगी
                     जागे जब दर्द हुआ चोट कोई दिल पे लगी
                     अब तो बस जान पे ही मेरे तो बन आई है

तुमको आना होगा कितने तन्हा हम है
एक तूफां ही नहीं सैकड़ों तूफां गम है
चोट उल्फ़त में बड़ी हमने सजा पाई है

                      देखें तुझे जी भरके तेरा दीदार करें
                     आरजू मेरी है जी भरके तुझे प्यार करें
                      फिर ये दुनिया की सह लेंगे रुसवाई है
@मीना गुलियानी 

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