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रविवार, 24 अप्रैल 2016

तेरा इंतज़ार है

आई बहार है तेरा इंतज़ार है
बगिया महके फूलों वाली
गुलशन बेकरार है

चंदा आया गगन में देखो चाँदनी भी साथ है
मस्ती में तारे झूम रहे है खुशियों की बारात है

दिल में नग़मे झूम रहे है फूल गुनगुनाते है
गम का कोई नाम नहीं है मिलके हँसते गाते है

प्रीतम लौटे अपने अँगनवा छाई रुत बहार की
कली कली भी खिल गई देखो मस्ती तेरे प्यार की
@मीना गुलियानी 

1 टिप्पणी:

  1. khubsurat and bemisaal ahsaas..




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