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मंगलवार, 19 अप्रैल 2016

तू मत घबराना



कठिन है राहें तू मत घबराना
वरना जीने देगा न ज़ालिम ज़माना

                     खतरे बहुत है उल्फ़त की इस राह में
                    तुझको है सम्भलना ऊँची नीची राह में
                    बचना पड़ेगा नहीं तो जां से जाना

जीता वही बाज़ी जो न हिम्मत से हारा
हर ठोकर बन गई है मंजिल पाया किनारा
तू भी बन जा खिलाड़ी पड़े न पछताना

                   हर मुश्किल को आसां करदे दिल में भर ले हौसला
                   पछताए फिर क्या होवेगा रहे जो न तेरा घोंसला
                   पंछी बचा ले अपना तू घर बचाना
@मीना गुलियानी  

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