कठिन है राहें तू मत घबराना
वरना जीने देगा न ज़ालिम ज़माना
खतरे बहुत है उल्फ़त की इस राह में
तुझको है सम्भलना ऊँची नीची राह में
बचना पड़ेगा नहीं तो जां से जाना
जीता वही बाज़ी जो न हिम्मत से हारा
हर ठोकर बन गई है मंजिल पाया किनारा
तू भी बन जा खिलाड़ी पड़े न पछताना
हर मुश्किल को आसां करदे दिल में भर ले हौसला
पछताए फिर क्या होवेगा रहे जो न तेरा घोंसला
पंछी बचा ले अपना तू घर बचाना
@मीना गुलियानी
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