दुनिया है दीवार तुमको पाना मुश्किल है
आऊं कैसे पास तेरे आना मुश्किल है
कैसे कहदूँ क्यों मै तुमसे दूर हूँ
तुझसे मिलने के लिए मजबूर हूँ
तू है मेरे सामने पर पाना मुश्किल है
कैसी देखो छाई है गम की घटा
प्यार से अपने तू इसको दे हटा
अपनी मजबूरी को भी बताना मुश्किल है
आ जाओ इक बार तो दीदार हो
मिल जाओ तो जीना न दुश्वार हो
पैगामे उल्फ़त तुझे पहुँचाना मुश्किल है
@मीना गुलियानी
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