ऐ मेरे मीत अब तो आ जा
यूँ न बेकरार कर
होता नहीं है अब इंतज़ार
दिल न बेकरार कर
छाई है हरसू अब बहार
दिन भी देखो ढल गया
तारे भी टिमटिमा उठे
सूरज छिपा है ओट में
दीपक भी जगमगा उठे
मेघ गाए अब मल्हार
बादलों की और झुकने लगा
देखलो आसमान भी
धरती का आंचल थामने
ढलने लगी ये शाम भी
गाने लगी है अब बहार
पेड़ों पे पत्ते थिरकने लगे
झूमें है देखो डालियाँ
कलियाँ भी खिलने लगी है अब
खिलने लगी है क्यारियाँ
धीमे से पड़ने लगी फुहार
@मीना गुलियानी
यूँ न बेकरार कर
होता नहीं है अब इंतज़ार
दिल न बेकरार कर
छाई है हरसू अब बहार
दिन भी देखो ढल गया
तारे भी टिमटिमा उठे
सूरज छिपा है ओट में
दीपक भी जगमगा उठे
मेघ गाए अब मल्हार
बादलों की और झुकने लगा
देखलो आसमान भी
धरती का आंचल थामने
ढलने लगी ये शाम भी
गाने लगी है अब बहार
पेड़ों पे पत्ते थिरकने लगे
झूमें है देखो डालियाँ
कलियाँ भी खिलने लगी है अब
खिलने लगी है क्यारियाँ
धीमे से पड़ने लगी फुहार
@मीना गुलियानी
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