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रविवार, 3 अप्रैल 2016

रे मन थोड़ा धीर धरो


गोरी का पिया से मिलन होगा
रे मन थोड़ा धीर धरो
चंदा उतरा तेरे आँगन होगा
रे मन थोड़ा धीर धरो

गोरी घूँघट में शर्माती आई पिया के पास
लज्जा से शर्माकर उसने कहदी जी की बात
चंदा तारों का संगम होगा रे मन थोड़ा धीर धरो

पायल उसकी छम छम बोले नथनी हाल डोले
पिया से गोरी शरमा जाए घूँघट वो न खोले
आज मनवा बड़ा चंचल होगा रे मन थोड़ा धीर धरो

गोरी का मुख्य इतना सुंदर जैसे कोई मोर
पिया एकटक ताकें जैसे चंदा और चकोर
सजना का उसे दर्शन होगा रे मन थोड़ा धीर धरो
@मीना गुलियानी 

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