तेरी रेशम जैसी जुल्फों पर दिल डोला तो क्या है कसूर
है इतनी प्यारी ये जुल्फें खुल जाएँ तो छा जाए नूर
इनको हवा से बचाया करो
आंचल में ही छुपाया करो
बादल भी है आशिक इनका
रूप को यूँ न दिखाया करो
कर देती सबको दीवाना
अब मेरा क्या इसमें कसूर --------------
कसके न इनको बाँधा करो
दम तो हमारा ही घुटता है
नागिन जैसी काली जुल्फें
दिल में दर्द सा उठता है
मुखड़े पर जब ये छा जाएँ
आ जाता है पूरा सरुर ---------------
बादल इनसे डरता है
देखके छुपता फिरता है
काली घटाओं में मुँह को छिपाकर
जाने कहाँ पे ये उड़ता है
तेरी जुल्फें अगर लहराएं तो
दिल धड़के हमारा ज़रूर -------------
@मीना गुलियानी
है इतनी प्यारी ये जुल्फें खुल जाएँ तो छा जाए नूर
इनको हवा से बचाया करो
आंचल में ही छुपाया करो
बादल भी है आशिक इनका
रूप को यूँ न दिखाया करो
कर देती सबको दीवाना
अब मेरा क्या इसमें कसूर --------------
कसके न इनको बाँधा करो
दम तो हमारा ही घुटता है
नागिन जैसी काली जुल्फें
दिल में दर्द सा उठता है
मुखड़े पर जब ये छा जाएँ
आ जाता है पूरा सरुर ---------------
बादल इनसे डरता है
देखके छुपता फिरता है
काली घटाओं में मुँह को छिपाकर
जाने कहाँ पे ये उड़ता है
तेरी जुल्फें अगर लहराएं तो
दिल धड़के हमारा ज़रूर -------------
@मीना गुलियानी
रचना अच्छी हैं
जवाब देंहटाएं