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गुरुवार, 7 अप्रैल 2016

करलें बसेरा हम तुम


नदिया के पार चलो करलें बसेरा हम तुम 
ढूँढे हमें सारा जहाँ कहीं खो जाएँ हम तुम 

                   ठण्डा ठण्डा पानी यहाँ भँवरे गुनगुनाते है 
                   फूल गुलिस्ताँ में तो सब खुशबु  लुटाते है 
                   चलो यहीं खो जाएँ होश हो जाने दो गुम 

मस्त मस्त  मौसम है हवा मतवाली है 
दिल मेरा झूम रहा झूमे डाली डाली है 
कितना सुकूँ है यहाँ चलते रहें हम तुम 

                    न रुको तुम भी कहीं न रुकें हम भी कहीं 
                    बढ़ते रहें आगे न दिखे हद है कहीं 
                    दोनों थामे हाथों को वादियों में हो जाएँ गुम 
@मीना गुलियानी 

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