तेरे पास कैसे आऊं बाबा ज़रा बता दे
मंझधार में फँसी हूँ तू ही रास्ता बता दे
घेरे हुए है मुझको रंगीन वासनाएं
मन का नहीं भरोसा पग पग पे जो दगा दे
मुझमें वो बल कहाँ है जो यहाँ तुझे बुला लूँ ,
निर्बल को दे सहारा भव पार तू लगा दे
लाखो उबर गए है तेरे नाम के सहारे
ओ हज़ार हाथ वाले मुझको भी आसरा दे
कैसे सुनाऊँ तुमको अपनी करुण कहानी
शायद ये मेरे आंसू सब दास्ता बता दे
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