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मंगलवार, 7 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-08 (Gurudev Ke Bhajan-08)



ज़रा दर्श दिखाओ महाराज जी, मेरी लाज  तुम्हारे हाथ है ,
मुझे मुक्ति की राह बता दो,  मेरा जीवन तुम्हारे  हाथ है


हम तो फंसे भ्रमजाल में आकर, गुरूजी हमें बचाओ 
मोहमाया के बंधन काटो, सत्यपथ बतलाओ
मेरी डोर तुम्हारे हाथ है, तू ही मेरा पालनहार है


धन दौलत और महल  ख़ज़ाने, हर पल हमें नचाये
बाबा जी पिलादो त्रिकुटी का अमृत, जीवन व्यर्थ न जाये
मेरी नैया फँसी मंझधार है, तू ही मेरा खेवनहार है


पापों की गठरी सिर पर धरकर, हम तो बड़ा पछताए
शर्म के मारे मुँह ना खोलें, कैसे शरण हम पाएं
तेरी  कृपा का ही आधार है, इस भव से उतरना पार है  


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