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बुधवार, 8 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-16 (Gurudev Ke Bhajan-16)



हे महानंद बाबा दर्शन मुझे दिखाओ
मै राह को हूँ भूला मुझे रास्ता दिखाओ

तेरे बिना जहाँ में कोई नहीं है मेरा            
है रात गम की काली दिखतl नहीं सवेरा
  अंधकार को मिटाकर ज्योति मुझे दिखाओ

झूठी है सारी दुनिया कोई नहीं है अपना             
झूठी  है प्रीत इसकी दुनिया है एक सपना
तुम नाम की लगन को दिल में मेरे जगाओ


तेरे सिवा जहाँ में मेरा नहीं सहारा
नैया भंवर में डोले सूझे नहीं किनारा
मंझधार से निकालो नैया मेरी बचाओ

माया ने जाल फेंका और मोह ने है घेरा
काटो मेरे ये बंधन चौरासी का ये फेरा
त्रिकुटी के अमृत को तुम आज तो पिलाओ

 पापो की गठरी सर पे मुश्किल हुआ है चलना
अज्ञान ने है लूटा दुश्वार है संभलना
      दुष्कर्मों से हटाकर सत्कर्मो  में लगाओ   

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