ओ बाबा हम तो आ गए तेरे द्वार पे जाने तेरी मेहर कब होगी
काशी, मथुरा, ब्रज, गोवर्धन और कैलाश के द्वारे
लेकिन जब तेरे दर आई भूल गई मै सारे
सारे जग में सबसे सुन्दर है ये धाम तुम्हारा
हर दुःख से पीड़ित दुखिया को मिलता यहाँ सहारा
मेरा चोला रंग दे बाबा ,नाम मै तेरा ध्याऊँ
रोज़ सुबह उठ दर्शन करने तेरे दर मै आऊं
अपनी दया से बाबा सबको मालोमाल तू करना
मांगी मुरादें सब पा जाये सबकी झोली भरना
दर्श के प्यासे नैना निशदिन याद में तेरी बरसे
बाबा आओ दर्श दिखाओ मनवा मोरा तरसे
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