बाबा जी जल्दी चले आइएगा चले आइएगा न तरसाइएगा
दिल मेरा तुझको पुकारे ऐ बाबा , सुनके सदा मेरी चले आओ बाबा
विनती मेरी को न ठुकराइएगा
गम के भंवर में फँसी जान मेरी , विषयों में डूबी ज़िंदगी है मेरी
उलझन बहुत है न उलझाइएगा
छाई है बाबा काली घटाएं , कहानी ये अपनी किसे हम सुनायें
सुनके सदा मेरी चले आइएगा
जंग के सताये आये तेरे द्वारे , हमें अपनाकर दे दो सहारे ,,
विनती हमारी न ठुकराइएगा
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