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मंगलवार, 14 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-53 (Gurudev Ke Bhajan-53)





मुझे क्या काम दुनिया से गुरु जी तेरा सहारा है 
नैया पार उतारो तुम न सूझे मुझे किनारा है 

लहर है विषय वासना की भंवर में डूबी जाऊं मै 
गुरु जी मुझे बचा लेना तुम बिन कौन हमारा है 

है  दिल मेरा बहुत नादाँ ज़माने ने भी ठुकराया ,
तेरे ही नाम का आधार जो बन जाए हमारा है 

हम आये है शरण तेरी लगाना अब तू न देरी 
,बचाना लाज तू मेरी तुझे ही मैने पुकारा है 

है मेरी जान मुश्किल में फंसी दुनिया की हलचल में 
मोक्ष की राह दिखाना मुझे गुरु जी काम तुम्हारा है



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