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बुधवार, 15 अप्रैल 2015

गुरुदेव के भजन-60 (Gurudev Ke Bhajan-60)



कितनी बार पुकारा तुमको सुनते नहीं पुकार 
भूल गए क्यों दीनो के दातार 

दयासिन्धु क्यों दया नहीं दिखलाते हो 
होकर दीनानाथ दुखी ठुकराते हो 
छिपा नहीं है तुमसे कुछ भी दीनो के दातार 

नहीं जानते क्या तुम हम जो कष्ट सहें 
किसके आगे रोयें किससे हाल कहें 
छोड़ तुम्हे बतलाओ बाबा ले किसका आधार 

डगमग डगमग डोले मेरी नैया है
 तुम बिन बाबा कोई नहीं खिवैया है 
पार करो भव सागर से जो आन फंसी  मंझधार 

भूल चूक कोई हमसे हो तो माफ़ करो 
बच्चे तेरे है थोड़ा इंसाफ करो 
हमको न ठुकराना बाबा आये तेरे द्वार 

करता दास पुकार ये विनती सुन लीजे 
दर्शन देके पार ये बेडा कर दीजे 
आके कष्ट हरो तुम मेरे करदो बेड़ा पार 


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