जाके आता रहा, आते जाता रहा
यों ही चक़्कर चौरासी के खाता रहा
खेल में तेरी बचपन कहानी गई
जोश में होश खोकर जवानी गई
बाद में ये दिया तेल के बिन दिया
टिमटिमाता रहा -------------------
जब सफर उम्र का खत्म होने लगा
बैठ मंजिल के पास रोने लगा
फिर क्यों ऐ पगले मन ये सांसो का धन
क्यों लुटाता रहा -----------------------
घर के साथी व् सब हाथी घोड़े यहाँ
और नोटों के बण्डल जो जोड़े यहाँ
छोड़ सामान सब तलियाँ मल मल के तब
तिलमिलाता रहा -----------------------------
@मीना गुलियानी
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