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सोमवार, 2 मई 2016

मन में बसे बालमा

पंख लगाके उड़ आती रे मन में बसे बालमा
तुझे दिल के राज़ बतलाती रे -----------

 दिल ये मेरा घायल है ऐसे
जैसे व्याकुल हिरणी हो जैसे
पापी पपीहा भी शोर मचाए
मेरा जियरा उड़ाके ले जाए ------------------ मन में बसे बालमा

 बन में डोलूं बनके हिरनिया
बोले छमछम  मोरी पायलिया
दिल की धड़कन बढ़ती  ही जाए
प्यास ये दिल की कौन बुझाए -------------- मन में बसे बालमा

कासे  कहूँ पीर अपने जिया की
सीने में उठती हूक पिया की
वन में नाचे गए मयूरवा
देखो मोरा व्याकुल जियरवा -------------- मन में बसे बालमा
@मीना गुलियानी

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