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मंगलवार, 17 मई 2016

और ख़ता क्या

तुझे देखा तुझे चाहा तुझे पूजा मैने
इक यही तो ख़ता है मेरी और ख़ता क्या

तेरी मेरी लगता है यूँ सदियों से पहचान है
दिल को भी तो ये यकीं है तू ही मेरी जान है

हमसफर है तू ही मेरा साथी मेरा तू ही तू
तू ही रब तू ही खुदा है तू ही मेरी ज़ुस्तज़ू

तेरे बिन कुछ भी न चाहा मैने तुझको चाह के
अब खुद से कुछ न माँगू तेरा साथ ही मांगके
@मीना गुलियानी 

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