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गुरुवार, 26 मई 2016

जहाँ रहेंगे हम तुम

आओ उस पार चलें करलें बसेरा हम
नदिया  के पार चलें जहाँ रहेंगे हम तुम

ठंडी ठंडी वादी में झरनों के पानी में
फूलों के मौसम में प्यार की रवानी में
ढूँढे हमे सारा जहाँ हो जाएँ हम कहीं गुम

तेरे मेरे दिल में बस प्यार की  छाँव रहे
दुःख का  न नामोनिशाँ  खुदा मेहरबां रहे
प्यार ही बरसता हो वो जहाँ बसाएं हम

तेरे मेरे  दिल के बीच न हो नफ़रतों का  जहाँ
प्यार भरे रिश्तों से महकता  रहे गुलिस्ताँ
दिल से दिल मिल जाएँ फासले हो जाएँ गुम

धरती बिछौना हो आसमान छत हो मेरी
न किसी से शिकवा करें न शिकायत तेरी
हाथों में हाथ रहे वक्त बिताएं हम तुम
@मीना गुलियानी






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