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रविवार, 22 मई 2016

कोई रोक सके तो रोक ले

हम तुमको सनम चाहेंगे कोई रोक सके तो रोक ले

चाहे ये दुनिया दीवार बने
या मौत गले का हार बने
हम फिर  भी तुम्हें चाहेंगे ---------------------कोई रोक सके तो रोक ले

फ़िक्र हमको नहीं है ज़माने की
तुमसे नज़रें मिली तो मिली ही रहीं
मंजिल के करीब आयेंगे -----------------------कोई रोक सके तो रोक ले

चाहे दुश्मन ये सारा ज़माना रहे
तेरा मेरा अमर ये  फ़साना रहे
दिल जुड़ते नज़र आयेंगे ----------------------कोई रोक सके तो रोक ले
@मीना गुलियानी 

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