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गुरुवार, 5 मई 2016

कौन आया

कौन आया कि हवाओं में महक जाग उठी
दिल के शोलों में हवाओं से अगन जाग उठी

किसके आने की खबर से मेरा दिल धड़का है
किसके आने से ही दरवाज़ा मेरा खडका है
कान बजने  लगे साँसों में खनक जाग उठी

तेरे आने की आहट पे निगाहें उठीं
तेरे आने से हवाएँ भी लो महक उठीं
दिल में अरमान जगे मन में तड़प जाग उठी

मेरे दिल ने कुछ सपने से सजा रखे है
फूल तेरे कदमों में मैने तो बिछा रखे है
पाँव रखो जो ज़मीं पर तो धमक जाग उठी
@मीना गुलियानी 

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