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बुधवार, 18 मई 2016

भजनमाला -- 3

कर्मों की सारी माया है , कोई सुखी बना कोई दुखी बना 
जैसा किया वैसा पाया है  कोई सुखी बना कोई दुखी बना 

कोई लाल पलंग पर सोता है ,फूलों की सेज बिछाकर के 
कोई फटा टाट नहीं पाया है कोई सुखी बना कोई दुखी बना 

कोई राजा कोई भिखारी है ,कोई रानी कोई पनिहारी है 
कोई दासी दास कहाया है ,कोई सुखी बना कोई दुखी बना 

कोई ऊँचे महल में रहता है ,और किसे झोपड़ा नहीं मिला 
कोई मान प्रेम यश पाया है ,कोई सुखी बना कोई दुखी बना 

कोई करता अपनी मनमानी,आशाएँ किसी की उजड़ गई 
पाप पुण्य ने रंग दिखाया है ,कोई सुखी बना कोई दुखी बना 

लक्ष्मी वैभव खुशियाँ सारी है उनके सन्मुख ही आई 
जिसने  कर्म कमाया है ,कोई सुखी बना कोई दुखी बना
@मीना गुलियानी 

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