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सोमवार, 23 मई 2016

भजनमाला ---9

सब तरफ से हटाकर दिल दे दिया है तुझको 
अब मुर्दतन पड़ा  हूँ फिर क्या बताऊँ तुमको 

आका अगर बनाऊँ  खिदमत न जानू  कुछ भी 
जब काम कुछ बताओ उज्र सुनाऊँ तुमको 

मादर पिदर बिरादर का रिश्ता गर लगाऊँ 
बेरिश्ता लोग कहते कैसे मै पाऊँ तुमको 

गर दोस्त तुमको कहदूँ चढ़ जावें  त्योरियाँ झट 
तुम शाह हो गदा से  कैसे मिलाऊँ तुमको 

गर पीर मै बनाऊँ लायक मुरीद  कब हूँ 
 नालायकी मै अपनी कितनी जताऊँ तुमको 

सब तौर से बुरा हूँ पर हूँ तुम्हारा साहिब 
तुम मेरे दिल जिगर हो कैसे हटाऊँ  तुमको 
@मीना गुलियानी 

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