प्रेम में होते धोखे हज़ार
इसमें खुशियाँ है कम
बेशुमार है गम
इक हँसी और आँसु हज़ार
तपते साये मिले गम के नाले मिले
जिस जगह भी देखा दिल में छाले मिले
पर मिला न कहीं भी करार
आँसु आहें मिली शीतल छाँव न मिली
गर्मी छलती रही ठंडी राह न मिली
दुःख भरे दिखे सपने हज़ार
दिखे रोते हुए गम को ढोते हुए
बालू की रेत पर दुःख समोते हुए
इस समुन्द्र का कोई न पार
@मीना गुलियानी
इसमें खुशियाँ है कम
बेशुमार है गम
इक हँसी और आँसु हज़ार
तपते साये मिले गम के नाले मिले
जिस जगह भी देखा दिल में छाले मिले
पर मिला न कहीं भी करार
आँसु आहें मिली शीतल छाँव न मिली
गर्मी छलती रही ठंडी राह न मिली
दुःख भरे दिखे सपने हज़ार
दिखे रोते हुए गम को ढोते हुए
बालू की रेत पर दुःख समोते हुए
इस समुन्द्र का कोई न पार
@मीना गुलियानी
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