ये कौन आया महफ़िल में जल उठी शमा तेरे नाम से
धीरे धीरे चुपके चुपके किसी ने पुकारा मेरे नाम से
यादें है कुछ जागी सी अलबेली इठलाती सी
अरमानो की बस्ती में आई है रुत ये सुहानी सी
पूछा पता फिर आते आते किसने मेरे नाम से
रुत ये सुहानी आई है पुरवाई लहराई है
चम्पा चमेली और महुआ ने ली फिर अंगड़ाई है
ऐसे भला राधा कोई रूठे कैसे श्याम से
सावन की बरखा आई संग में बिजुरी ले आई
उड़ता आंचल गोरी का गेसू की लट बलखाई
पनघट पे गोरी कैसे ठारि मटकी थाम के
@मीना गुलियानी
धीरे धीरे चुपके चुपके किसी ने पुकारा मेरे नाम से
यादें है कुछ जागी सी अलबेली इठलाती सी
अरमानो की बस्ती में आई है रुत ये सुहानी सी
पूछा पता फिर आते आते किसने मेरे नाम से
रुत ये सुहानी आई है पुरवाई लहराई है
चम्पा चमेली और महुआ ने ली फिर अंगड़ाई है
ऐसे भला राधा कोई रूठे कैसे श्याम से
सावन की बरखा आई संग में बिजुरी ले आई
उड़ता आंचल गोरी का गेसू की लट बलखाई
पनघट पे गोरी कैसे ठारि मटकी थाम के
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें