तू उठाए जा ये सितम और जिए जा
आँसु भी आँख के अब तू पिए जा
सताए गर ज़माना सितम ढाए दुनिया
उसी की मुहब्ब्त की तमन्ना किये जा
यही है मुहब्ब्त का दस्तूर ऐ दिल
मिले गम भी अगर तू दुआएँ दिए जा
न डर तू किसी से जो हो जाए रूसवा
इक उसकी लगन में अब तू जिए जा
@मीना गुलियानी
आँसु भी आँख के अब तू पिए जा
सताए गर ज़माना सितम ढाए दुनिया
उसी की मुहब्ब्त की तमन्ना किये जा
यही है मुहब्ब्त का दस्तूर ऐ दिल
मिले गम भी अगर तू दुआएँ दिए जा
न डर तू किसी से जो हो जाए रूसवा
इक उसकी लगन में अब तू जिए जा
@मीना गुलियानी
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