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शनिवार, 21 मई 2016

बता दे कि हम किधर जाएँ

छोड़के तुमको  ऐ मेरे हमदम ये बता दे कि हम किधर जाएँ
हम खड़े है तेरी राहों में तू जिधर बोले हम उधर जाएँ

तू ही मेरी अब तो मंजिल है तेरे ही पास  मेरा दिल है
मेरी जन्नत है तेरे क़दमों में  मेरा आज साहिल है
इतनी प्यारी है  हँसी तेरी वक्त से कहदो यहीं ठहर जाए

मै तो अपनी हर ख़ुशी दे दूँ तू जो  मांगे तो जिंदगी दे दूँ
तू न रूठे कभी खुदा के लिए अपनी जां भी तुझे नज़र करदूँ
तुझसे बढ़कर न कोई प्यारा हमे तू जो कहदे यहीं ठहर जाएँ
@मीना गुलियानी 

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