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सोमवार, 23 मई 2016

ओढ़नी

तेरे बागों की मै मोरनी
छमछम नाच दिखाती आऊं
हवा में बिजली सी लहराऊँ
चमक मै अपनी  चमकाऊँ
दिखाऊँ सुंदर  पंखो की ओढ़नी

ये मेरा मुकुट सुहाना है
गले में है मोतियन माला
पग में पायलिया छमछम
बजाती आई वृन्दबाला
लहराए  हवा में अपनी ओढ़नी

बालों में सुंदर गजरा है
नैन में उसके  कजरा है
घटा से गेसू है काले
है जैसे घन हो मतवाले
तारों भरी  है उसकी ओढ़नी
@मीना गुलियानी

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