अकेले है पुकारें तुझे कहाँ हो
चले आओ सुनके सदा जहाँ हो
दिल तुझे ढूँढता है न तेरा कोई पता है
कहाँ खोजूँ मै जाऊँ मिले न रास्ता है
ये मदहोशी का आलम हुए है होश भी गुम
न जीते है न मरते बताओ क्या करें हम
दिन ये डूब रहा है अभी है रात बाकी
कहो कैसे बिताएं सुहानी शाम एकाकी
बहारों के है मेले मगर हम है अकेले
चले आओ अब तुम कहाँ तक गम ये झेलें
@ मीना गुलियानी
चले आओ सुनके सदा जहाँ हो
दिल तुझे ढूँढता है न तेरा कोई पता है
कहाँ खोजूँ मै जाऊँ मिले न रास्ता है
ये मदहोशी का आलम हुए है होश भी गुम
न जीते है न मरते बताओ क्या करें हम
दिन ये डूब रहा है अभी है रात बाकी
कहो कैसे बिताएं सुहानी शाम एकाकी
बहारों के है मेले मगर हम है अकेले
चले आओ अब तुम कहाँ तक गम ये झेलें
@ मीना गुलियानी
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