तुम फिर अपने गाँव लौट जाओगे
जाने वाले तुम मुझे याद बहुत आओगे
वो सुहाने पल आँखों में कटी रातें
वो सपने सुहाने वो प्यार भरी बातें
नित संजोते थे ख्वाबों की दुनिया वो मुलाकातें
वो नदी की तरह उफनती साँसों की बातें
आँखों के अनदेखे सपनों से छलके मधु के प्याले
वो मदभरे होठों तक आते आते क्यों रीत गए
तुम जाओगे गाँव नए और गाओगे गीत नए
ये मधुर सुहाने पल क्यों इतनी जल्दी बीत गए
@मीना गुलियानी
वो नदी की तरह उफनती साँसों की बातें
आँखों के अनदेखे सपनों से छलके मधु के प्याले
वो मदभरे होठों तक आते आते क्यों रीत गए
तुम जाओगे गाँव नए और गाओगे गीत नए
ये मधुर सुहाने पल क्यों इतनी जल्दी बीत गए
@मीना गुलियानी
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