जाने क्यों हमसे दूर ठिकाने बना लिए
कितने खूबसूरत से बहाने बना लिए
दिल को हमारे ठेस लगाकर जो तुम चले
हमने तो लाख रोका लेकिन न तुम रुके
जो दर्द तुमसे पाये ख़ज़ाने बना लिए
रुखसत के वक्त भी तो तुमने न कुछ कहा
न मुझसे ये बताए कि क्या है मेरी ख़ता
दिल को सताया तुमने फ़साने बना लिए
तेरी तलाश में हम भटके थे दर बदर
तुमने न अब तलक दी अपनी भी कुछ खबर
दिल तोड़ने के तुमने खूब निशाने बना लिए
@मीना गुलियानी
कितने खूबसूरत से बहाने बना लिए
दिल को हमारे ठेस लगाकर जो तुम चले
हमने तो लाख रोका लेकिन न तुम रुके
जो दर्द तुमसे पाये ख़ज़ाने बना लिए
रुखसत के वक्त भी तो तुमने न कुछ कहा
न मुझसे ये बताए कि क्या है मेरी ख़ता
दिल को सताया तुमने फ़साने बना लिए
तेरी तलाश में हम भटके थे दर बदर
तुमने न अब तलक दी अपनी भी कुछ खबर
दिल तोड़ने के तुमने खूब निशाने बना लिए
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें