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बुधवार, 25 मई 2016

दूर ठिकाने बना लिए

 जाने क्यों हमसे दूर ठिकाने बना लिए
कितने खूबसूरत से बहाने बना लिए

दिल को हमारे ठेस लगाकर जो तुम चले
हमने तो लाख रोका  लेकिन न तुम रुके
जो दर्द तुमसे  पाये  ख़ज़ाने बना लिए

रुखसत के वक्त भी तो तुमने न कुछ कहा
न मुझसे ये बताए कि क्या है मेरी ख़ता
दिल को सताया  तुमने फ़साने बना लिए

तेरी तलाश में हम भटके थे दर बदर
तुमने न अब तलक दी अपनी भी कुछ खबर
दिल तोड़ने के तुमने खूब निशाने बना लिए
@मीना गुलियानी

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