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बुधवार, 4 मई 2016

याद आ गया कोई

झूमती हवा चली याद आ गया कोई
बुझती बुझती ये  शमा फिर  जला गया कोई

चाँदनी ये रात है चुप ये आसमान है
इक नशीली याद में गुम सारा जहान है
आज  भूली याद को फिर जगा गया कोई

सोई सोई है ज़मी सोया आसमान है
नींद में ही खो गया सपनो का जहान है
मीठे मीठे सपनो से फिर जगा गया कोई

याद तेरी आई जब खोये हुए कहीं थे हम
आके मुझे जगा दिया वो ख़्वाब  सारे हो गए गुम
दिल के तार बज उठे राग गा  गया कोई
@मीना गुलियानी


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