साँस लेना भी जुर्म है शायद
जिंदगी ऐसे भी जी नहीं जाती
एक टूटा हुआ ख़्वाब सा हूँ मै
यह गली अब कहीं नहीं जाती
रात भर दिल मेरा जलाती है
चांदनी घर क्यों नहीं जाती
एक अादत सी बन गई है तू
बदलूँ तो भी बदली नहीं जाती
इस तरह जिऊँ भी तो कैसे जिऊँ
मॉँगने से मौत भी नहीं आती
@मीना गुलियानी
जिंदगी ऐसे भी जी नहीं जाती
एक टूटा हुआ ख़्वाब सा हूँ मै
यह गली अब कहीं नहीं जाती
रात भर दिल मेरा जलाती है
चांदनी घर क्यों नहीं जाती
एक अादत सी बन गई है तू
बदलूँ तो भी बदली नहीं जाती
इस तरह जिऊँ भी तो कैसे जिऊँ
मॉँगने से मौत भी नहीं आती
@मीना गुलियानी
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