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बुधवार, 16 सितंबर 2020

गुरु बिन तेरो कौन सहाई------------ (वैराग्य )

गुरु बिन तेरो कौन सहाई , मात पिता सुत नारी भाई 

अंत सहायक नाहीं ------------------------------------


क्यों करता है मेरी मेरी, ये तन एक राख की ढेरी 

छोड़के पिंजरा इक दिन उड़ना क्यों ये प्रीत लगाई 


तज दे झूठी माया काया  क्यों मानव इसमें भरमाया 

गुरु जी ने सच्चा तत्व बताया वो ही तेरा सहाई 


ये जग है इक झूठी माया कंचन जैसा महल बनाया 

तूने माया में मन को रमाकर चैन  गंवा दिया भाई 


गुरु को मीत  बनाले अपना ये जग है इक झूठा सपना 

छूटेंगे जिस  दिन प्राण तेरे तो हंस अकेला जाई 

@मीना गुलियानी 

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