ओ मेरे गुरु जी हम तो आ गए तेरे द्वार पे
जाने तुझको खबर कब होगी
कशी मथुरा से भी सुंदर देखा धाम तिहारा
हर दुःख से पीड़ित दुखिया को मिलता यहाँ सहारा ------
छोड़के सारे रिश्ते नाते तुझसे जोड़ा नाता
तुम्हेँ बसाया अंतर्मन में तुम ही भाग्य विधाता ----------
सारे जग वालों ने दाता हमको है ठुकराया
छोड़के जग की मोहमाया मैं शरण तिहारी आया -----------
पाप गठरिया सर पर धरकर पछतायें हम भारी
गुरूजी आओ शरण लगाओ विपदा हरलो सारी ---------
@मीना गुलियानी
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