ये महल ये अटारी हरदम नहीं रहेगी
साँसों की गति से जिंदगी तेरी चलेगी
रख पूरा तू भरोसा गुरूजी हैं साथ तेरे
मुश्किल से वो उबारें रहते हैं संग तेरे
रख विश्वास उन पर मति तेरी भी संवरेगी
ले नाम का सहारा मिल जाएगा किनारा
क्यों खो रहे हैं पल पल साँस का पिटारा
किश्ती संभाल लेंगे नैया पार फिर लगेगी
मत सोच दिल में कुछ भी तेरी सोच बदल देंगे
जो भी तेरे हित में होगा वही फैंसला करेंगे
तज मोह के ये बंधन ये ही व्यथा है भारी
@मीना गुलियानी
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