बिगड़ी बनाने वाले गुरू जी एक तू है
जिसका न कोई जग में उसका सदा ही तू है
तेरा नाम है वो साधन भव पार जो कराये
तेरे द्वारे आने वाले आते हैं बिन बुलाये
लेके आस जो भी आये उसका सदा ही तू है
मैं तो हूँ अज्ञानी गुरूजी कृपा तो करना
दोनों हाथो से मेरी खाली झोली आज भरना
तेरे नाम का सहारा मेरा आसरा भी तू है
तेरा द्वार छोड़कर मैं जाऊँ कहाँ बता दे
मैं आस का हूँ पंछी मुझे रास्ता दिखा दे
मैं धूल तेरे चरणन की मेरा पासबाँ भी तू है
@मीना गुलियानी
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