तेरे दर पे आ गई हूँ , झोली को मैं फैलाऊँ
भरदे जो झोली खाली वो दुआ कहाँ से लाऊँ
तुझे तो पूजते हैं सारे जहान वाले
खोले हैं तूने लाखों किस्मत के बंद ताले
हों मुरादें सबकी पूरी वो सदा कहाँ से लाऊँ -------
तेरे बिन जहान में तो मेरा न और दूजा
करती हूँ रात दिन मैं सिर्फ तेरी पूजा
जो बहार बनके बरसे वो घटा कहाँ से लाऊँ -------
@मीना गुलियानी
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