जय हो गुरूजी तेरी करूँ मैं वंदना
छम छम बाजे मेरी पायलिया
तेरे दर तेरे अँगना
रात दिन करती हूँ मैं तेरी ही पूजा
तेरी छवि मन में बसी भाये न दूजा
अर्ज सुनो जी मेरी ---भई बावरिया ----------
नैना मेरे प्यासे तेरी दीद को तरसें
आ जाओ इक बार याद में बरसें
कैसे कहूँ डाली तूने---मोहनिया -----------
तेरे बिन गुरूजी मोहे कुछ भी न भाये
कृपा करो जी हम दर्श को आये
दीद में तेरे भई -------बावरिया --------
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें