भूल न जाना बंदे भूल न जाना
रात भर का है तेरा बसेरा
काहे तू न समझा डाला डेरा
विषयों में तू मन न लगाना ----
पंछी सा बन छोड़ बसेरा
मोह में न फंस हुआ सवेरा
पिंजरे से तू मोह न लगाना ----
झूठी है दुनिया झूठे हैं नाते
कब तक ये निभाएंगे नाते
इन रिश्तों में न मन भरमाना ----
@मीना गुलियानी
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