चलो चलो रे गुरूजी धाम जय जय बोले
गुरूजी के भवन पे काहे मन डोले
सोडाला में धाम गुरूजी का देखो शोभा न्यारी
गुरूजी दर्शन की खातिर आवे संगत सारी -----
गुरु जी का तू नाम सुमिर ले छोड़ आसरा दूजा
मन में तू विश्वास जमा ले करले इनकी पूजा ----
तू भी नाम सुमिर ले भाई काहे ढूँढे मक्का
गुरूजी तेरे मन में रहता क्यों है हक्का बक्का ----
काहे न सुमिरे नाम तूने सारी उम्र गुज़ारी
क्या जाने करनी पड़ जाए चलने की तैयारी -----
@मीना गुलियानी
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