तेरा सुमिरन मैं करती हूँ तेरा नाम ही मेरा सहारा है
इसी नाम को जपके लाखों ने पाया वरदान तुम्हारा है
लाखों को पार लगाते हो हर संकट से बचाते हो ,
नैया को तुम्हीं बचाते हो, पतवार से पार उतारा है ----
रक्षा करते हो सबकी तुम मुक्तिपथ तुम्हीं बताते हो
निर्बल का सहारा हो तुम ही तेरे नाम पे सब कुछ वारा है ---
द्वारे पे मेले लगते हैं यहाँ ढोल नगाड़े बजते हैं
दुखिया सुख पा जाता है मिलता जब उसे सहारा है ---
तुम सबकी लाज बचाते हो हर दुखिया को अपनाते हो
तेरे चरणों से बहती गंगा जो अमृत की इक धारा है ----
@मीना गुलियानी
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