- तेरे नाम को ओ गुरूजी ध्याऊँ रोज सुबह और शाम
किसी ने जानी न तेरी माया किसी ने न भेद तेरा है पाया
लूटें माया मोह अज्ञान ------------------------------------
हम तो फंस गए बीच मंझधार तुम बिन कौन लगाए पार
गुरूजी थाम लो अब पतवार ----------------------------------
तू है सबका पालनहारा सबकी बिगड़ी बनाने वाला
काटो विपदा हमारी आन ------------------------------------------
@मीना गुलियानी
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